भारत की नागरिकता कैसे मिलती है | भारतीय नागरिकता कैसे प्राप्त करे | Citizenship In Hindi 2024

Polity Subject में बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है नागरिकता – भारत की नागरिकता कैसे मिलती है या भारतीय नागरिकता कैसे प्राप्त की जाती है (how to get indian citizenship 2022) या नागरिकता प्राप्त करे की विधि इस टॉपिक की आज आपको सम्पूर्ण जानकारी मिलने वाली है, जिसे पढने के बाद शायद ही आपके मन में कोई Dought बची होगी.

भारतीय नागरिकता
भारतीय नागरिकता

नागरिकता राज्य और व्यक्ति के कानूनी संबंध है, जिसके अंतर्गत व्यक्ति राज्य के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करता है और राज्य उसे विभिन्न प्रकार का संरक्षण प्रदान करता है |

Table of Contents

भारतीय नागरिकता संसोधन अधिनियम 1955 क्या है ?

नागरिकता संसोधन अधिनियम 1955 द्वरा भारत की नागरिकता 5 तरीको से प्राप्त की जा सकती है |
(1) जन्म द्वारा (2) वंश परंपरा द्वारा (3) पंजीकरण द्वारा (4) देशीकरण द्वारा (5) भूमि विस्तार द्वारा 

जन्म द्वारा नागरिकता 

26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जिनके माता-पिता या इनमें से कोई एक भारत का नागरिक हो | (नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986 द्वारा) वो जन्म से भारत के नागरिक होंगे | राज्य्नैतिक, शत्रुदेश और विदेशी के बीच में अपवाद होंगे |

वंश परंपरा द्वारा नागरिकता 

26 जनवरी 1950 के बाद भारत के बाहर जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक होगा, यदि जन्म के समय उसके माता-पिता या इनमें से कोई एक भारत के नागरिक हैं | माता की नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्मे व्यक्ति को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा दिया जाता है |

पंजीकरण द्वारा नागरिकता 

कई दशाओ में निम्न श्रेणी के व्यक्ति, विहित रीती में पंजीकरण द्वारा भारत की नागरिकता अर्जित कर सकता है |
(1) जो व्यक्ति अविभाज्य भारत के अलावा किसी भी देश में निवास करते हो और भारतीय मूल के हो |
(2) कम से कम 5 वर्ष से भारत के राज्य क्षेत्रों में निवास कर रहा हो और आवेदन से पूर्व औपचारिक रूप से भारत में 6 महीने से निवास कर रहा हो |
(3) विदेशी स्त्री भारतीय नागरिक से विवाह कर चुकी हो या भविष्य में करेगी – इस आधार पर भी नागरिकता के लिए पंजीकरण के तहत आवेदन कर सकती हैं |
(4) भारतीय नागरिक के नाबालिक बच्चे राष्ट्रमंडल देश के नागरिक जो भारत सरकार की नौकरी करते हो |

देशीकरण द्वारा नागरिकता 

कोई भी विदेशी व्यक्ति निम्नलिखित शर्तो पर भारतीय नागरिकता अर्जित कर सकता है 
(1) वह किसी ऐसे देश का नागरिक हो, जहां भारत द्वारा देसीकरण प्रतिबंधित हो |
(2) उसके द्वारा अपने देश की नागरिकता से त्यागपत्र दे दिया गया हो |
(3) आवेदन करने से ठीक पहले उसने भारत में कम से कम 1 वर्ष तक निवास किया हो अथवा भारत सरकार की सेवा में रहा हो |
(4) वह उपरोक्त 1 वर्ष के ठीक पहले 7 वर्ष की अवधि में कम से कम 4 वर्ष तक भारत सरकार की नौकरी में रहा हो अथवा भारत में निवास कर रहा हो|

भूमि विस्तार द्वारा नागरिकता 

किसी नए भू भाग को भारतीय राज्य में शामिल किए जाने पर उस क्षेत्र के निवासियों को स्वत भारत की नागरिकता प्राप्त हो जाएगी |

भारत की नागरिकता कितने प्रकार से समाप्त हो सकती है

वैसे तो भारत की नागरिकता 3 प्रकार से समाप्त हो सकती है मगर भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित में से किसी एक आधार पर किसी नागरिक को भारतीय नागरिकता से वंचित कर सकता है |
(1) किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेछा से स्वीकार कर लेने पर |
(2) नागरिकता के परित्याग की घोषणा कर देने पर |
(3) संसद द्वारा बनाई गई विधि के द्वारा |
(4) भारतीय संविधान के प्रति अनिष्ठा प्रदर्शित करने पर |
(5) युद्ध काल में शत्रु की सहायता करने पर |
(6) गलत तरीके या धोखे से नागरिकता प्राप्त करने पर |
(7) देशीकरण या पंजीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त करने की 5 वर्ष के भीतर किसी अन्य देश द्वारा 2 वर्ष की सजा पाने पर |
(8) भारतीय महिला द्वारा किसी विदेशी नागरिक से विवाह करने पर
(9) भारत से लगातार 7 वर्ष बाहर रहने पर |

भारत में दोहरी नागरिकता 

भारतीय संसद दिसंबर 2003 में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कर विदेश में बसे भारतीय मूल के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया है| जिसे OCI – Overseas citizenship of India(ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ़ इंडिया)  का नाम दिया गया है जिसे सामान्य रूप से दोहरी नागरिकता के नाम से जाना जाता है |

भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति जो संविधान लागू होने के बाद भारत या उसके किसी राज्य क्षेत्र का नागरिक रहा है और जिसने पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर ली है,  नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है यदि उसके वर्तमान देश में दोहरी नागरिकता का प्रावधान है |

पंजीकरण के बाद यदि वह अगले 5 वर्ष में कम से कम 1 वर्ष भारत में व्यतीत करता है तब उसे भारत की नागरिकता मिल जाएगी |

वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांश, पुर्तागल ,आस्ट्रेलिया सहित 16 देशों में बसे भारतीय मूल्य लोगों को दोहरी नागरिकता प्रदान की जा सकती है और ऐसे लोगों को बिना पासपोर्ट के भारत आने या जाने या भारत में निवेश करने का अधिकार होगा लेकिन इन्हें मताधिकार, संवैधानिक पद प्राप्त करने और लोक नियोजन में औसर की समानता का अधिकार प्राप्त नहीं होगा |

नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986 क्या है? 

नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986 में ये कहा गया की 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत में जन्मा कोई भी बच्चा जिनके माता-पिता या  इनमें से कोई एक भारत का नागरिक हो, वह जन्म से भारत का नागरिक होगा |

नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 क्या है?

नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 में ये कहा गया की 26 जनवरी 1950 के बाद भारत के बाहर जन्मा कोई भी बच्चा भारत का नागरिक होगा, यदि जन्म के समय उसके माता या पिता या इनमें से कोई एक भारत का नागरिक हो | माता या पिता की नागरिकता के आधार पर भारत के बाहर जन्मे बच्चे को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है |

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2003 क्या है?

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2003 में ये कहा गया की विदेश में बसे भारतीय मूल के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया | जिसे OCI(Overseas Citizenship Of India) कहा जाता है |

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2005 क्या है?

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2005 में ये कहा गया की पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोर कर सभी देशो के भारतीय मूल के लोगो को विदेशी भारतीय नागरिकता प्रदान की जाए |

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015 क्या है?

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015 में बहुत की चीजो को जोड़ा और हटाया गया है इसकी सम्पूर्ण जानकारी यहाँ पढ़े 

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 क्या है?

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 में ये कहा गया की अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों के प्रवासि लोगो को नागरिकता प्रदान करना है |

F&Q

Q. भारतीय नागरिकता किसके द्वारा दी जाती है?

Ans- भारतीय नागरिकता देने का काम केन्द्रीय गृहमंत्रालय करती है |

Q. भारत की नागरिकता कितने प्रकार से समाप्त हो सकती है?

Ans- भारत की नागरिकता 3 प्रकार से समाप्त हो सकती है :-
(1) किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेछा से स्वीकार कर लेने पर
(2) नागरिकता के परित्याग की घोषणा कर देने पर
(3) संसद द्वारा बनाई गई विधि के द्वारा

Q. नागरिकता की परिभाषा क्या है?

Ans- नागरिकता की परिभाषा को कई तरह से बताया जा सकता है मगर उन में सबसे अच्छी परिभाषा ये है की एक देश अपने नागरिकों को कुछ अधिकार और विशेषाधिकार प्रदान करता है जिससे वह भारत में रह कर आपना पूरा जीवन व्यतीत कर सके, बदले में नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने देश के कानूनों का पालन करें और अपने दुश्मनों से इसकी रक्षा करें।

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Sunil yuvan
दोस्तों मेरा नाम सुनिल युवान है, और मै बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला हूँ l मैंने BABASAHEB BHIMRAO AMBEDKAR BIHAR UNIVERSITY (MUZAFFARPUR) से Physic(h) से B.sc किया है l साथ में FACTS EDUCATION SOLUTION PRIVATE LIMITED से ADVANCE DIPLOMA IN COMPUTER APPLICATION किया हैं, और आगे मेरी पढाई M.sc के लिए जारी है l

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