होलसेल मेडिकल स्टोर कैसे खोलें | Medicine Ka Wholesale Business Kaise Kare

Medicine Ka Wholesale Business Kaise Kare
Medicine Ka Wholesale Business Kaise Kare

इस पृथ्वी पर जब तक इंसान रहेगा तब तक इंसानों को दवाइयों की जरूरत पड़ेगी ही. बिना Medicine के लोगों का जीना असंभव है. करोना महामारी के समय में हम सभी ने इसका उदाहरण देख लिया है. 

तो अगर आप भी मेडिकल के क्षेत्र में अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं और जानना चाहते हैं मेडिकल का होलसेल बिजनेस कैसे करें, Medicine Wholesale Business Plan In HIndi  तो आप सही जगह पर आए हुए हैं. आपको Medicine Ka Wholesale Business Kaise Kare की पूरी जानकारी में इतनी आसान भाषा में बता दूंगा कि आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ ले आपके मन में उठ रहे हर सवाल का जवाब यहां मिल जाएगा.

क्या होता है दवाइयों का थोक व्यापार (Wholesale Medicine Business Kya Hota Hai)

दवाइयों का थोक व्यापार का मतलब ही होता है कि आपके पास सभी प्रकार की दवाइयां थोक में उपलब्ध हो. अगर आप दवाइयों का थोक व्यापार करना चाहते हैं तो अपने पास हर प्रकार की दवाइयां थोक में होनी चाहिए.

जो लोग खुदरा में दवाइयों का व्यापार करते हैं वे सभी लोग कहीं से ना कही से थोक में ही दवाइयां उठाते हैं. और उसी दवाइयों को अपने यहां खुदरे तौर पर बेचते है. अगर आप थोक व्यापारी है तो, आपका काम सिर्फ उनको थोक में दवाइयां दे देना होता है. बाकी का काम उनलोगों का होता है, उन दवाइयों को कहां और कैसे बेचना है यह उनकी जिम्मेदारी होती है.

Medicine Ka Wholesale Business Kaise Kare

दुनिया में जितनी तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है उतनी ही तेजी से लगातार बीमारी भी बढ़ रही है. तो अगर आप भी मेडिसिन का बिजनेस करना चाहते हैं तो यह बिजनेस काफी लाभदायक साबित हो सकता है.  

क्योंकि यही एक ऐसा बिजनेस है जहां आपको 40% से लेकर 70% तक का मार्जिन रेट मिल जाता है, मतलब मार्केट में जब भी कोई नई कंपनी आती है तो वह होलसेलर या डिस्ट्रीब्यूटर 40% से लेकर 70% तक की मार्जिन रेट पर दवाइयां उपलब्ध कराती है.

और यह जानकारी केवल थोक विक्रेताओं को है मालूम होती है आम लोगों तक यह जानकारी पहुच ही नहीं पाती है की असल में इस दवाई की कीमत कितनी है और इस तरह से होलसेलर या डिस्ट्रीब्यूटर को बहुत ज्यादा फायदा हो जाता है.

मेडिसिन का होलसेल बिजनेस शुरू करने से पहले आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि – 

  • आपके बिजनेस की लोकेशन कहां होनी चाहिए.
  • बिजनेस में कितना खर्च लगेगा.
  • बिजनेस के लिए लाइसेंस कैसे बनवाना है.
  • अगर आप बिजनेस के लिए लोन लेना चाहते हैं तो लोन कैसे लेना है.
  • अपने बिजनेस के मार्केटिंग कैसे करनी है.

Medicine Ka Business Kaise Kare

आपको Medicine Ka Wholesale Business शुरू करने के लिए सबसे पहले अपने लिए एक बढ़िया लोकेशन पर दुकान खोलनी होगी. दुकान की Location ऐसी जगह होनी चाहिए जहां मरीजों का आना-जाना हमेशा लगा रहता हो जैसे कि किसी डॉक्टर के क्लीनिक के पास या किसी हॉस्पिटल वह चाहे प्राइवेट हो या सरकारी उसके आसपास. 

आपकी दुकान चारों तरफ से खुली होनी चाहिए और चारों तरफ काउंटर होनी चाहिए ताकि लोगों को दवाइयां लेने में समस्या ना हो.  क्योंकि जब आपका यह बिजनेस चलना शुरू कर देगा तब आपके पास दवाई लेने वाले ग्राहकों की भीड़ लगी रहेगी और उन सभी लोगों को जल्द से जल्द दवाइयां देनी होगी.

साथ ही आपके पास इतनी दवाइयां थोक में होनी चाहिए ताकि जब कोई खुदरा दुकानदार आपसे थोक में दवाइयां लेने आए तो उसके जरूरत के अनुसार आपके पास सभी दवाइयां आसानी से मिल जाए. 

इसके लिए आप अलग-अलग काउंटर बना सकते हैं जहां आप एक ही साथ एक काउंटर पर हॉस्पिटल से आए हुए मरीजों को दवाइयां दे सकते है, और दूसरे काउंटर पर उन दुकानदारों को दवाइयां दे सके जो आपसे थोक में दवाइयां लेने आते हैं.  इस तरह से आप दोनों बिजनेस को एक ही साथ चला कर दुगना मुनाफा कामा सकते है.

दवाइयां कितने प्रकार की होती है 

अगर आप मेडिसिन का होलसेल बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको दवाइयों से संबंधित जानकारियां होनी चाहिए.  तो सबसे पहले जानते हैं दवाइयां कितने प्रकार की होती है.

Generally दवाइयां दो प्रकार की होती है

  •  पहला है जेनेरिक
  •  दूसरा है एथिकल ब्रांडेड

इन दोनों दवाइयों में ज्यादा फर्क नहीं होता है दोनों प्रकार के दवाइयों में जो कंपोजिशन इस्तेमाल किया जाता है वह लगभग एक ही होता है.

जेनेरिक और एथिकल ब्रांडेड दवाइयां क्या है?

जेनेरिक और एथिकल ब्रांडेड दवाइयों में ज्यादा अंतर नहीं होता है इसको बनाते समय सेम कंपोजिशन का उपयोग किया जाता है. बस इन दोनों दवाइयों में अंतर इतना है जेनेरिक दवाइयों की मार्केटिंग पर कंपनी पैसे खर्च नहीं करती है जबकि एथिकल ब्रांडेड दवाइयों पर कंपनी जमकर पैसा खर्चा करती है जिसकी वजह से जेनेरिक दवाइयों की तुलना में एथिकल ब्रांडेड दवाइयों की कीमत बढ़ जाती है.

कुछ Important दवाइयों के नाम 

अगर आप एक Medical Store Owner है या फिर आप दवाइयां का थोक व्यापार करते हैं तो आपको कुछ दवाइयों के नाम पता होना चाहिए एग्जांपल के तौर पर कुछ दवाइयों के नाम मैं नीचे बता रहा हूं 

  • Cloxacillin Tablet.
  • Paracetamol Tablets.
  • Albendazole Tablets.
  • Ranitidine Tablets.
  • Analgesics Tablets.
  • Acetaminophen Tablet.
  • Artesunate Tablets.

होलसेल बिजनेस के लिए दवाइयां कहां से लें 

अगर आप दवाइयों का होलसेल बिजनेस करते हैं तो इसमें सबसे पहले आपको दवाइयां लानी कहां से है यह पता होनी चाहिए. आप दवाइयों के लिए अलग-अलग कंपनियों से बात करके उनकी डिसटीब्यूटरशिप ले सकते हैं. 

एक बार उस कंपनी से आपको डिसटीब्यूटरशिप मिल जाती है तब आप जब भी दवाइयों का ऑर्डर करेंगे वह कंपनी आपके लिए दवाइयां उपलब्ध करा देगी . मगर इसके लिए आपको उस कंपनी को कुछ पैसे पहले से डिपाजिट के तौर पर जमा करने होते हैं और यही काम आप और भी बहुत सारी दवाई बनाने वाली कंपनियों के साथ कर सकते हैं.

Top 10 Pharma Companies In India In Hindi

अगर आपके भी मन में यह सवाल आ रहा है कि भारत में कौन-कौन सी कंपनी दवाइयां बनाती है तो इस सवाल का जवाब जाने के लिए आपको और भी जाने की जरूरत नहीं है.

10 सबसे महत्वपूर्ण कंपनी ने जो भारत में दवाइयां बनाती है जैसे:-

  • Sun Pharmaceutical Industries Ltd
  • Divis Laboratories Ltd
  • Dr. Reddys Laboratories Ltd
  • Cipla Ltd
  • Apollo Hospitals Enterprise Ltd
  • Zydus Lifesciences Ltd
  • Torrent Pharmaceutical Ltd
  • Abbott India Ltd
  • Lupin Ltd
  • Max Healthcare Institute Ltd
  • Dr. Lal Pathlabs Ltd
  • Sanofi India Ltd

आप इन सभी कंपनियों से होलसेल में दवाइयां लेने के लिए संपर्क कर सकते हैं.

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होलसेल दवाइयों के बिजनेस के लिए कितना इन्वेस्टमेंट/पैसे लगेगा 

दवाइयों के बिजनेस के लिए अब जान लेते हैं कि कितने पैसे की आवश्यकता पड़ेगी.

  • अगर आप होलसेल मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं, तो कम से कम आपके पास ₹4,00,000 से ₹5,00,000 होनी चाहिए तब जाकर आप इस बिजनेस को शुरू कर पाएंगे. अब जान लेते है इतने पैसे कहां और कैसे खर्च करना है. 
  • सबसे पहले तो आपको ड्रग लाइसेंस के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा उसके साथ आपको कुछ और लाइसेंस बनवाने की जरूरत पड़ेगी जिसकी बात हम आगे करेंगे तो यहां आपका खर्च ₹20,000  से ₹25,000 तक का हो जाएगा.
  • जब आप दुकान खोलेंगे तो आपको अपने दुकान में चारों तरफ काउंटर बनवाने की जरूरत पड़ेगी जिसका खर्च ₹20,000 से ₹25,000 तक आ सकता है.
  • कुछ दवाइयां ऐसी होती है जिनको फ्रिज में रखना आवश्यक होता है तो आपको एक से दो फ्रिज लेने की भी आवश्यकता परेगी. इसका खर्च लगभग ₹10,000 से ₹12,000 तक का आ सकता है.
  • जब आप दुकान खोलेंगे तो उसके लिए आप जिस लोकेशन का चयन करेंगे, उस लोकेशन का जो मालिक होगा आपको हर महीने उसको उसके जगह के बदले कुछ पैसे देने पड़ेंगे. रूम का किराया एरिया पर निर्भर करता है कि वह एरिया कैसा है और कितना डिवेलप है. तो लगभग यहां आप का खर्च ₹7,000  से ₹8,000 प्रति महीना लग जाएगा.
  • इसके बाद अगर आप अपनी दुकान के लिए कुछ कर्मचारियों को रखना चाहते हैं या फिर दवाई डिलीवरी करने के लिए कर्मचारियों को रखना चाहते हैं तो उसके लिए उनको प्रति महीने कुछ पैसे देने पड़ेंगे. तो अगर आप 2 कर्मचारी को रखते हैं तो यहां आपका खर्च ₹18,000 से ₹20,000 तक का आ सकता है.
  • इन सभी चीजों के हो जाने के बाद सबसे महत्वपूर्ण है दवाइयों का स्टॉक आपके पास होना. दवाइयों के स्टॉक के लिए आपके पास 3 लाख से लेकर 3.5 लाख तक जरूरत पड़ सकती है. 

मेडिकल शॉप के लिए योग्यता क्या है 

अगर आप मेडिकल स्टोर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास कम से कम फार्मेसी में डिप्लोमा होना आवश्यक है. अगर आपके पास फार्मेसी में डिप्लोमा का डिग्री है तो आप होलसेल मेडिकल शॉप का बिजनेस आसानी से शुरू कर सकते हैं. 

अगर आपके पास फार्मेसी में डिप्लोमा का सर्टिफिकेट नहीं है तो आप 12th  करने के बाद इसे आसानी से इसे पा सकते हैं. 

और अगर आपने 12th पास कर लिया है और आपके पास फार्मेसी में डिप्लोमा का सर्टिफिकेट नहीं है तो आप किसी भी रजिस्टर्ड फार्मेसी कॉलेज में कुछ पैसे देकर फार्मेसी डिप्लोमा का सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं . 

Medical Store Ka Licence Kaise Banaye 

वैसे तो किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उससे संबंधित लाइसेंस बनवा लेना जरूरी होता है. मगर मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस बनवाना बेहद आवश्यक है. आप बिना लाइसेंस के इस बिजनेस को नहीं कर सकते हैं और अगर आपने ऐसा किया तो आपको जुर्माना के साथ कुछ साल के लिए जेल भी हो सकता है.  

ड्रग लाइसेंस बनाने के लिए आप अपने आसपास के Drug Inspector Office में जाकर एक एप्लीकेशन डाल सकते हो.  अगर आप चाहे तो यही काम ऑनलाइन भी कर सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो आपको ड्रग लाइसेंस से संबंधित बहुत सारे दस्तावेज स्कैन करके तैयार रखने होंगे ताकि आवेदन डालते समय आप फटाफट इन सभी दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड कर पाए.

Example के तौर पर आप नीचे दिए गए दस्तावेजों को स्कैन करके पहले से अपने पास रख सकते है. 

  • अपने फार्मेसी डिप्लोमा सर्टिफिकेट को स्कैन कर ले
  • निवास प्रमाण पत्र
  • एजुकेशन सर्टिफिकेट (शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र)
  • बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र)
  • आप बिजनेस को कैसे करेंगे उसका पूरा ब्लूप्रिंट एक सिग्नेचर के साथ
  • पासपोर्ट साइज फोटो 

इसके बाद भी आपको कुछ और लाइसेंस बनवाने की जरूरत होगी 

जैसे – अपने दुकान के लिए GST Registration, Shop and Distribution  Act के तहत रजिस्ट्रेशन, FSSAI License

Wholesale Medicine Store Ki Marketing Kaise Kare

अपने Wholesale Medicine Store Ki Marketing आप Online और Offline दोनों तरीके से कर सकते हैं.  ऑनलाइन मेडिकल स्टोर के मार्केटिंग के लिए आप किसी भी ग्राफिक डिजाइनर को हायर कर सकते हैं या फिर आप खुद भी Canva जैसे प्लेटफार्म पर अपनी दुकान की पोस्टर बनाकर उसे  उस एरिया में ऑनलाइन प्रमोट कर सकते हैं, जिस एरिया में आप अपना मेडिकल स्टोर खोलने वाले हैं.

ऑफलाइन मार्केटिंग के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद ही अपने आसपास के मेडिकल स्टोर पर जाएं और वहां जाकर अपने होलसेल मेडिकल स्टोर के बारे में उन्हें बताएं.  शुरू के कुछ दिनों में नए दुकानदारों को लुभाने के लिए कुछ Offer भी  देने पड़ सकते हैं.

अगर आपको हमारी ये Post होलसेल मेडिकल स्टोर कैसे खोलें – Medicine Ka Wholesale Business Kaise Kare अच्छी लगी हो तो हमें निचे comment कर के जरुर बताए.

Medicine Ka Wholesale Business Kaise Kare FAQs

Medicine Me Hs Ka Kya Matlab Hota Hai?

Ans – मेडिसिन में जब भी HS देखेंगे आप उसका मतलब At Bedtime ( सोने से पहले) होता है.

Medicine Me IP Ka Kya Matlab Hota Hai?

Ans – जब भी हमें मेडिसिन में Ip देखने को मिलता है उसका मतलब Indian Pharmacopeia होता है.

Medicine Me OD ka Kya Matlab Hota Hai?

Ans – OD का मतलब दिन में एक बार होता है.

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Sunil yuvan
दोस्तों मेरा नाम सुनिल युवान है, और मै बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला हूँ l मैंने BABASAHEB BHIMRAO AMBEDKAR BIHAR UNIVERSITY (MUZAFFARPUR) से Physic(h) से B.sc किया है l साथ में FACTS EDUCATION SOLUTION PRIVATE LIMITED से ADVANCE DIPLOMA IN COMPUTER APPLICATION किया हैं, और आगे मेरी पढाई M.sc के लिए जारी है l

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